Home
Poems
Stories
About
Sunday, June 7, 2015
तमन्ना
देखते हुआ इश्क़ उससे
खोया सा है होश ये तब से
अब तो सिर्फ एक ही तमन्ना है रब से
की बंद करा दे ये धारावाहिक कल से ॥
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment