जानेमन

वो जानेमन, इतना भी मत सवारना
ये गढ़ी रूखे बिना चली जायेगी
लौट के फिर ना  वापिस आएगी
कोलगेट युस करना दाँतो की सड़न से तू
बची रहेगी

वो जानेमन, याद क्यों उसे तू क्यों करती है
क्यों उसकी याद में खोयी खोयी रहती है
आज में क्यों तू जी नहीं पाती है
गुड नाईट जरूर लगाना नहीं तो मच्छर आती है

वो जानेमन, घूमने मत जाना तू देर  रात
आज़ा  जल्दी करेंगे  ढेर सारे बात
रहेंगे हम आखरी वक्त तक साथ
अपनी शेट्टी के होटल खुली रहती है
रात साडे सात
और वहां मिलती है राइस बात

वो जानेमन, करना इश्क़ उससे
जो तेरे आँगन खुशियों से भरे
जो तेरे लिए कुछ करने से ना डरे
जो तेरे सच्चे इज्जत  करे
पहले इस्तेमाल करे फिर विश्वास करे



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