Home
Poems
Stories
About
Saturday, April 25, 2015
नहीं जानते
क्यों रहे हो सताते
थक गए है हम तुम्हे मनाते
तुम से प्यार कितना है हमे
ये नहीं जानते
क्योंकि साली हम तुम से प्यार ही नहीं करते
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment